सुरज राना , धनगढी
कभी इतए कभी उतए मेरो काम ,न हए मोके त एकौ अराम
सब सोचत ज घुमतै हुइहए और बतात हए मोके हराम
तुम्से दुर मए कतै नैया मोके पराए जिन बनाओ
तुम दिक्काए जात मोसे बतादेओ कैसे तुम्के मनाओ
मिर दिलमे तुम हओ , रएहओ सदामन दिलमे तुमर
ज जिन्दगी तुमरे नाम कर्दौ तुमरी लम्बी होए उमर
प्यार ऐसो सदामान सङ्ग रएहओ सौप दओ अप्नि ज्यान
इतए उतए छोडके सदामान रहत हए तुमर घैन ध्यान
अग्गु पिच्छु मए रहत , अप्नो मानके तमान बात तुम्से कहत
तुम जो जैसो करओ तुमर हरेक दुखके मए हओ सहत