सुरज राना
धनगढी ०७ देवहरिया ,कैलाली
मेरी मनकी रानी मिर आशरा जिन तुडियौ ।
मिर दिलमे आनिया डगर कभी जिन मुडियौ ।।
कोइ माया कहत कोइ ढाई अक्षरको कहत प्यार ।
जिन्दगी कटङ्गो तुमर सङ्ग चिन्ता मत करौ यार ।।
दिन रात तुमर कल्पनामे डुबो रहत रहओ ।
तुम्के पानके ताही आशुकी नदिया बहत रहओ ।।
घरबाले सब राजी होत , बिगाडनबाले जो फिर कहङ्गे ।
दुनिया कि बात जिन लियौ ,सदामान आपन सङ्गै रहङ्गे ।।